पारद शिवलिंग मंत्र CAN BE FUN FOR ANYONE

पारद शिवलिंग मंत्र Can Be Fun For Anyone

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कवच को नवरात्रि के दौरान अथवा शुक्रवार के दिन किसी भी शुभ नक्षत्र और योग में धारण करें।

शालिग्राम को स्थापित करने से पूर्व इसे गंगाजल अथवा कच्चे दूध में डालकर इसे शुद्ध करें।

शिवलिंग की यह व्याख्या शैव सम्प्रदाय की प्रमुख परम्परा - शैव सिद्धांत के अनुसार है। शिवलिंग का ऊपरला हिस्सा परशिव और निचला हिस्सा यानी पीठम् पराशक्ति को दर्शाता है। पराशक्ति एवं परशिव भगवान शिव की दो परिपूर्णताएँ हैं।

हिंदू धर्मात भगवान शिवाची उपासना अतिशय महत्तवाची मानली जाते. सर्व प्रकारच्या शिवलिंगांच्या पूजेमध्ये पारद शिवलिंगाचे खूप महत्त्व आहे. पारद शिवलिंग हे पारा आणि चांदीच्या मिश्रणाने बनवलेले असते.

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जर घरात शिवलिंग ठेवायचे असेल तर सर्वात उत्तम शिवलिंग हे पारद शिवलिंग मानले गेले आहे ह्यावर प्रकाश पाडू.

पूजा के दौरान कुबेर देव को धूप-दीप दिखाते हुए “ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:” मंत्र का जाप करें।

अशी आख्यायिका मिळते कि समुद्र मंथनाच्या वेळी मोहिनी रूपातल्या स्त्री रुपी विष्णू ला पाहून शिव मोहित झाले आणि त्यांच्या मैथुन क्रियेतून पारा रुपी द्रव उत्त्पत्तीत आला.

इसके पश्चात भगवान का पंचोपचार पूजन करें। इसमें गंध, पुष्प, धूप, दीप और तुलसी के साथ नैवेद्य को शामिल करें।

पारद के इस लिंग की महिमा का वर्णन कई प्राचीन ग्रंथों में जैसे कि रूद्र संहिता, पारद संहिता, रस्मर्तण्ड ग्रन्थ, ब्रह्म पुराण, शिव पुराण आदि में पाया गया है।

ब्रह्मचारियों का श्री पंचाग्नि अखाड़ा

स्वयंभू शिव: स्फटिक शिवलिंग को भगवान शिव का स्वयंभू रूप माना जाता है। अर्थात, यह प्राकृतिक रूप से निर्मित होता है और किसी बाहरी प्रक्रिया से नहीं।

स्थापना से पूर्व जगह here को सही से साफ़-सफाई कर उसपर गंगाजल का छिड़काव करते हुए पवित्र करें।

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